टिहरी सीट पर मैदान तय करेगा पहाड़ का भविष्य, यहां के मतदाताओं की भूमिका रहेगी सबसे अहम

टिहरी सीट पर चुनाव मैदान में उतरे 11 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला19 अप्रैल को मतदाता करेंगे। प्रत्याशियों के लिए वैसे तो एक वोट भी बहुत महत्व रखता है, लेकिन इसमें भी कुछ क्षेत्र के मतदाताओं की भूमिका सबसे अहम होगी। टिहरी लोकसभा सीट पर पहाड़ का भविष्य मैदान के मतदाता तय करेंगे। इस सीट पर सर्वाधिक 62.86 फीसदी मतदाता देहरादून जिले में है। इसके बाद टिहरी जनपद में 21.69 फीसदी और उत्तरकाशी जनपद में 15.42 फीसदी मतदाता हैं। ऐसे में देहरादून के मतदाताओं की भूमिका चुनाव में सबसे अहम रहेगी। 18वीं लोकसभा के गठन के लिए हो रहे चुनाव में पहले चरण के मतदान के लिए अब चार दिन बचे हैं। तीन दिन बाद 19 अप्रैल को टिहरी सीट पर चुनाव मैदान में उतरे 11 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला मतदाता करेंगे। प्रत्याशियों के लिए वैसे तो एक वोट भी बहुत महत्व रखता है, लेकिन इसमें भी देहरादून के मतदाताओं की भूमिका सबसे अहम होगी।

इसका कारण है, उत्तरकाशी, टिहरी व देहरादून के 14 विधानसभा क्षेत्रों में फैले इस संसदीय क्षेत्र अंतर्गत देहरादून में मतदाताओं की सर्वाधिक संख्या है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तराखंड से मिले आंकड़ों के मुताबिक, देहरादून के सात विधानसभा क्षेत्रों में करीब 10 लाख मतदाता हैं, जबकि टिहरी गढ़वाल के चार विस क्षेत्रों में 3,42,209 तथा उत्तरकाशी के तीन में 2,43,423 मतदाता हैं।

कहां कितने मतदाता

जिलामतदाता
उत्तरकाशी  2,43,423
टिहरी 3,42,209
देहरादून 9,92,032
कुल मतदाता15,77,664

संपूर्ण राज्य की 16 प्रतिशत आबादी है दून में

राजधानी बनने के बाद देहरादून की आबादी में 32 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2001 में जहां दून की आबादी 12,82,143 थी। वहीं वर्ष 2011 में यह बढ़कर 16,96,694 हो गई है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, देहरादून में संपूर्ण राज्य की 16.82 फीसदी जनसंख्या निवास करती है। वर्ष 2021 की जनगणना नहीं होने से यह संख्या अब और अधिक बढ़ने की संभावना है।