स्वास्थ्य मंत्री ने चिकित्सा शिक्षा विवि और राज्य नर्सिंग काउंसिल को निर्देश दिए है। कहा, निजी नर्सिंग और पैरामेडिकल कालेजों की समस्याओं का निराकरण होगा। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा, शासन की ओर से से जिन निजी नर्सिंग संस्थानों को शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए अनापत्ति पत्र दिया गया है। उन्हें उसी वर्ष से मान्यता दी जाएगी। इसके लिए उन्होंने चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय और राज्य नर्सिंग काउंसिल को निर्देश दिए हैं। इससे निजी नर्सिंग कालेजों के सैकड़ों नर्सिंग छात्र-छात्राओं को राहत मिलेगी।
शुक्रवार को विधानसभा सभागार में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत निजी नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेजों के संचालकों और प्रतिनिधियों के साथ बैठक की, जिसमें निजी पैरामेडिकल एवं नर्सिंग संस्थान संगठन के महासचिव ललित जोशी ने प्रदेश में चल रहे निजी नर्सिंग व पैरामेडिकल कालेजों की समस्याओं को रखा।
ध्ययनरत छात्र-छात्राओं के हित में फैसला
इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने निदेशक चिकित्सा शिक्षा, रजिस्ट्रार नर्सिंग काउंसिल और विश्वविद्यालय के अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिन निजी नर्सिंग संस्थानों को शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए शासन से अनापत्ति दी गई है, उन संस्थानों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के हित को देखते हुए उसी सत्र से मान्यता दी जाएगी।
संस्थानों ने मांग रखी कि 14 दिसंबर 2016 को शासन की ओर से प्रति पाठ्यक्रम 35 लाख राशि के आदेश जारी किए गए। इस राशि को पांच लाख प्रति संस्थान किया जाए। स्वास्थ्य मंत्री ने विश्वविद्यालय व पैरामेडिकल काउंसिल को निर्देश दिए किसी भी पाठ्यक्रम कि मान्यता कम से कम तीन वर्षों के लिए एक बार दी जाए। बैठक में चिकित्सा शिक्षा निदेशक डाॅ. आशुतोष सयाना, संयुक्त निदेशक एसके बंधु, नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार मनीषा ध्यानी, एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट कालेज के अध्यक्ष राजकुमार शर्मा, कोषाध्यक्ष संदीप केडिया, संरक्षक देवराज तोमर, उपाध्यक्ष किशोर शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजीव सिंह, सलाहकार अशोक पाल, सदस्य मनिंद्रा कोश्यारी, राजकुमार सिंह, सीएमआई हॉस्पिटल के चेयरमैन आरके जैन आदि मौजूद थे।
शमीम बानो
संपादक – सच्चाई की किरण (पाक्षिक समाचार पत्र)
पता – काशीपुर