हर वर्ष निजी स्कूलों द्वारा बदली जा रहीं पुस्तकों के विरोध में मुरादाबाद पेरेंट्स आफ आल स्कूल के पदाधिकारियों ने एडीएम सिटी को ज्ञापन सौंपा, उन्होंने किताबों का न्यूनतम मूल्य निर्धारित करवाए जाने एवं प्रत्येक वर्ष पुस्तक के बदले जाने पर रोक लगाने व स्कूलों द्वारा जिला शुल्क नियामक समिति के निर्णयों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की मांग की हैं। अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने बताया कि डीएम मुरादाबाद ने सभी स्कूलों को आदेश दिया था शिक्षा बोर्ड बदलने पर ही स्कूल किताबे बदलेंगे लेकिन डीएम का आदेश न मानते हुए सभी स्कूलों ने किताबे बदल दी, अनुज ने कहा कि जांच आधिकारी एडीएम सिटी हैं सभी स्कूलों पर कार्रवाई का आश्वासन जिला प्रशासन द्वारा दिया गया हैं।मुरादाबाद पेरेंट्स आफ आल स्कूल के पदाधिकारी समेत सैकड़ो अभिवाक मंगलवार को कलक्ट्रेट परिसर पहुंचे जहां उन्होने एडीएम सिटी ज्योति सिंह से मुलाकात कर निजी स्कूलों के द्वारा हर वर्ष बदली जा रहीं पुस्तकों के विरोध में ज्ञापन सौंपा, ज्ञापान के माध्यम से बताया गया कि अभिभावकों द्वारा लगातार सूचना दी जा रही हैं कि स्कूलों द्वारा जो पुस्तके सत्र 2024-2025 में लगाई गई हैं और जो किताबे वर्ष 2023-24 में लगी थीं उनमें बदलाव किया गया हैं, इसकी शिकायत अभिभावकों ने ऑनलाइन जिला विद्यालय निरीक्षक. डीएम. कमिश्नर. मुख्यमंत्री से की थी, शिकायती ईमेल का प्रिंट जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा स्कूलों को उपलब्ध कराया गया हैं, अब स्कूलों के प्रधानाचार्य /प्रबन्धक द्वारा उन अभिभावकों से संपर्क करके उन पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा हैं, फरवरी 2024 में जिला शुल्क नियामक समिति की बैठक में लिए गए निर्णय का स्कूलों द्वारा उल्लंघन किया जा रहा हैं, मुरादाबाद के कई स्कूलों द्वारा अपनी बुक लिस्ट में केवल दिखाने के लिए एनसीईआरटी किताबों का नाम लिखा गया हैं, जब उनके तय किए दुकानदार पर अभिभावक जाते हैं तो दुकानदार एनसीईआरटी किताबें न देकर केवल निजी प्रकाशकों की किताबें देते हैं और यह कहते हैं की स्कूल में एनसीईआरटी से पढ़ाई नहीं होगी, अभिभावकों द्वारा उपलब्ध करवाई गई सूचना के आधार पर मुरादाबाद के 23 स्कूलों ने सत्र 2024-25 में पाठ्यक्रम और पुस्तकों में बदलाव किया हैं, उन्होंने तत्काल प्रभाव से0एनसीईआरटी की किताबें लागू कराए जाने के निर्देश देने, जो स्कूल शासन व मुरादाबाद प्रशासन के आदेशों के विपरीत कार्य कर रहे हैं उन पर उचित कानूनी कार्रवाई करने, जिन अभिभावक द्वारा शिकायत की गई है उन्हें और उनके बच्चों पर दबाव न बनाने की मांग की।