यूनिक हॉस्पिटल के डायरेक्टर संजय रस्तौगी सम्मानित

मुरादाबाद शहर पूरे विश्व में पीतल की चमक के लिए प्रसिद्ध है ऐसे में यहां पर एक रतन ऐसा भी है जो मुरादाबाद में अपनी नहीं बल्कि मुरादाबाद की पर्दे के पीछे रहकर चमक बनाने में लगा हुआ है इस शख्स का नाम है संजय रस्तोगी। मुरादाबाद के निजी होटल के एक कार्यक्रम मे संजय रस्तोगी की प्रतिभाओ और समाज के लिए योगदान के लिए मुरादाबाद रतन् से सम्मानित किया गया है।

एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे संजय रस्तोगी की शुरू से ही अपने शहर के हर क्षेत्र में आगे ले जाने की सोच थी और इस सोच को आज उन्होंने नई दिशा दे दी है चाहे मुरादाबाद में गरीब युवाओं की शिक्षा की बात हो, चाहे युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की बात हो ,रोजगार देने की बात हो महिलाओं को स्वावलंबी करने की बात हो या फिर शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप करने की बात हो या फिर शहर को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं देने की बात हो हर क्षेत्र में यह लगातार लगे हुए हैं।

श्री संजय रस्तोगी आज किसी नाम का मोहताज नहीं है यह पर्दे के पीछे से समाज के हर वर्ग के लिए काम या फिर कहें समाज सेवा मे लगे हु ए है

उन्होंने बैंकिंग सेक्टर में रहकर युवाओं को रोजगार लेने नहीं बल्कि रोजगार देने के लिए इंडस्ट्री लगाकर प्रेरित किया युवाओं को सरकारी योजनाओं की जानकारी दी और उनको इनका फायदा दिलाकर उनकी इंडस्ट्री को खड़ा किया। आज वह मुरादाबाद को रोजगार ही नहीं बल्कि आर्थिक पथ पर भी आगे ले जा रहे हैं।

वही घर में रह रही महिलाओं को इंश्योरेंस सेक्टर मैं रोजगार देने के लिए उच्च शिक्षित अपनी पत्नी को प्रेरित किया और घर में रह रही महिलाओं को इंश्योरेंस सेक्टर में जोड़कर उन्हें स्वावलंबी किया।

वही शिक्षा के क्षेत्र में धन के अभाव में शिक्षा से वंचित रह रहे बच्चों को उनके बिना जानकारी के उनके अभिभावकों के माध्यम से मदद की।

कितने पर ही नहीं श्री संजय रस्तोगी ने गरीब और वृद्ध जनों की भी लगातार सेवा में लगे रहते हैं और बड़ी बात यह है स जिसमें यह पर्दे के पीछे रहकर कार्य करते हैं ताकि किसी वंचित को इस बात का एहसास ना हो पाए जिसमें उनकी पत्नी समेत पूरा परिवार लगा रहता है वही अब जरूरत थी ।

वही शिक्षा रोजगार व्यापार इंफ्रास्ट्रक्चर के बाद अब बारी थी अच्छी स्वास्थ्य देने की जिसमें श्री संजय रस्तोगी आगे आए और समय के अभाव को देखते हुए मुरादाबाद शहर के उन्हीं की सोच रखने वाले प्रबुद्ध जनों और जोशीले युवाओं की एक टीम बनाई और इस टीम के साथ शुरू किया यूनिक हॉस्पिटल।इस अस्पताल में दिल्ली मुंबई जैसी मेट्रो सिटी की तर्ज पर एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ अनुभवी डॉक्टरों की टीम बनाई जो बिना लालच और सेवा भाव के मुरादाबाद बासियो की सेवा में लगी रहे वही लगातार यूनिक हॉस्पिटल श्री संजय रस्तोगी की सोच के साथ लगातार मुरादाबाद वासियो को अच्छी सस्ती अफॉर्डेबल स्वास्थ्य सुविधा दे रहा है ।

आज समाज में ऐसे ही शख्स की जरूरत है जो की अपने शहर अपने जन्मस्थली अपने देश के लिए हर वक्त सोच ही नहीं रखते हो बल्कि सोच को सरकार भी करते हो क्योंकि सही मायने में स्वदेश की प्यार को आज के समय में संजय रास्तों की ही इन पंक्तियों को चरितार्थ कर रहे हैं

जो भरा नहीं है भावों से
जिसमें बहती रसदार नहीं
हृदय नहीं वह पत्थर है
जिसमें स्वदेश के प्रति प्यार नहीं