वायुसेना के पूर्व प्रमुख आरकेएस भदौरिया भाजपा में शामिल हुए, जानें इस फैसले पर क्या बोले

उन्होंने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और भाजपा के महासचिव विनोद तावड़े की मौजूदगी में पार्टी का दामन थामा। भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख एयर चीफ मार्शल (रिटायर्ड) आरकेएस भदौरिया रविवार को भाजपा में शामिल हो गए। उन्होंने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और भाजपा के महासचिव विनोद तावड़े की मौजूदगी में पार्टी का दामन थामा। 

अपने इस फैसले पर रिटायर्ड एयर चीफ मार्शल ने प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई नेताओं का शुक्रिया जताया। उन्होंने कहा, “मैं बहुत भाग्यशाली रहा हूं कि अपनी जिंदगी के 40 साल से ज्यादा भारतीय वायुसेना के लिए काम कर पाया। ये एक बहुत बड़ा गौरव का विषय रहा है। इस दौरान सबसे स्वर्णिम अवसर वह रहा है, जो कि मेरी सेवा के पिछले 8 से 10 वर्षों में इस पार्टी की सरकार की तरफ से जो कठोर कदम उठाए गए, भारतीय सेनाओं को मजबूत करने के लिए, आत्मनिर्भर करने के लिए। आधुनिकीकरण के लिए जो कदम उठाए गए, उनसे हमारी सेनाओं में क्षमता विकसित हुई है।

उन्होंने आगे कहा, “इसके साथ ही सेनाओं में एक नया आत्मविश्वास और आत्मनिर्भर बनने का जो क्रम शुरू हुआ है। इसके धरातल पर प्रभाव भी दिखने लगे हैं। इससे हमारे पास स्वदेशी क्षमताएं भी आएंगी।”

कौन हैं आरकेएस भदोरिया?
एसीएम राकेश कुमार सिंह भदौरिया मूल रूप से उत्तर प्रदेश से आते हैं। वे भारत को मजबूत बनाने वाले 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए गठित टीम का अहम हिस्सा रहे थे। राकेश कुमार सिंह भदौरिया भारतीय वायुसेना के सबसे बेहतरीन पायलटों में से एक हैं। उन्होंने अब तक राफेल सहित 28 से ज्यादा प्रकार के लड़ाकू और परिवहन विमानों को उड़ाया है।

एयर मार्शल भदौरिया प्रायोगिक टेस्ट पायलट होने के साथ कैट ‘ए’ कैटेगरी के क्वालिफाइड फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और पायलट अटैक इंस्ट्रक्टर भी हैं। इनकी कुशल परिचालन क्षमता के कारण इन्हें साल 2002 में वायु सेना पदक, साल 2013 में अति विशिष्ट सेवा पदक और साल 2018 में परम विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया।

आरकेएस भदौरिया भारतीय वायुसेना के जगुआर स्क्वाड्रन और दक्षिणी पश्चिमी सीमा पर स्थित एक प्रमुख वायुसेना स्टेशन के प्रमुख भी रह चुके हैं। एयर मार्शल भदौरिया विमान और सिस्टम परीक्षण प्रतिष्ठान में उड़ान परीक्षण स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर भी रह चुके हैं। इसी संस्थान ने भारत के पहले स्वदेशी लड़ाकू विमान एलसीए तेजस की प्राथमिक उड़ानों को आयोजित किया था।