पाकिस्तान के कराची शहर में ईद के दौरान चार लाख से ज्यादा भिखारियों की भीड़ जुट गई है। इस वजह से आपराधिक घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है।
रमजान के महीने के दौरान पाकिस्तान के छोटे शहरों और गांवों से भिखारी कराची आने लगे हैं। इस वजह से यहां अपराध का ग्राफ भी बढ़ रहा है। कराची के अतिरिक्त महानिरीक्षक इमरान याकूब मिन्हास ने इस चिंताजनक समस्या पर जोर जाला है। उनका कहना है कि ईद के मौसम में तीन से चार लाख भिखारी कराची आते हैं, इस वजह से यह शहर भिखारियों और अपराधियों का अड्डा बन गया है। इमरान याकूब के अनुसार पारपंरिक तरीकों से अपराधों का पता नहीं लगाया जा सका इसलिए कराची पर नजर रखने के लिए अधिकारियों से और अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाने की अपील की गई है।
जनवरी से अब तक 55 से अधिक लोगों की मौत
स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रमजान के दौरान कराची में कम से कम 19 लोग आपराधिक घटनाओं के शिकार हुए। इसके अलावा जनवरी 2024 से डकैतियों का विरोध करने पर 55 से अधिक लोगों को मौत हो गई।
कोर्ट ने जारी किया सख्त अल्टीमेटम
इसे लेकर सिंध उच्च न्यायालय ने सख्त अल्टीमेटम जारी किया है। कोर्ट ने शांति और व्यवस्था बहाल करने के लिए अधिकारियों को एक महीने का समय दिया गया। न्यायमूर्ति अब्बासी ने अधिकारियों को स्पष्ट तौर पर कहा है कि शांति भंग करने में शामिल प्रभावशाली शख्सियतों के खिलाफ भी निर्णायक कार्रवाई करें। कोर्ट ने 15 दिनों के भीतर कानून व्यवस्था की स्थिति पर एक व्यापक रिपोर्ट की भी मांग की है।
शांति व्यवस्था को बहाल करना बड़ी चुनौती
स्थिति की गंभीरता को स्वीकार करते हुए सिंध के पुलिस महानिरीक्षक पुलिस गुलाम नबी मेमन ने पुष्टि की है कि सड़क अपराधों की वजह से कराची में शांति व्यवस्था को बहाल करना एक बड़ी चुनौती है। मेमन ने सिंध उच्च न्यायालय को आश्वासन दिया है कि पुलिस जल्द ही आपराधिक घटनाओं पर काबू पाएगी। इसके अलावा पुलिस को निर्दोष लोगों के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने से रोकने को कहा गया है।
शमीम बानो
संपादक – सच्चाई की किरण (पाक्षिक समाचार पत्र)
पता – काशीपुर