मुरादाबाद से सीट से भाजपा के उम्मीदवार सर्वेश सिंह का शनिवार को दिल्ली एम्स में निधन हो गया। वह काफी दिन से बीमार चल रहे थे। सर्वेश सिंह को पिता से विरासत में सियासत मिली थी। वो राजनीति के सूरमा बन गए थे। 1991 से राजनीति का सफर शुरू किया था। सर्वेश सिंह पांच बार विधायक और एक बार सांसद रहे थे। पूर्व सांसद और मुरादाबाद लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी रहे सर्वेश सिंह को सियासत विरासत में मिली थी। उनके पिता रामपाल सिंह 1962 से 1989 तक राजनीति में सक्रिय रहे। वह चार बार ठाकुरद्वारा से विधायक और एक बार अमरोहा से सांसद चुके गए थे। पिता से राजनीति के गुर विरासत में मिलने के बाद सर्वेश सिंह 1991 में सक्रिय राजनीति में आए थे।
ठाकुरद्वारा क्षेत्र के रतूपुरा गांव निवासी सर्वेश सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1952 हुआ था। उन्होंने 26 मई 1983 को कुंवरानी साधना सिंह से शादी की थी। उनकी एक बेटी और एक बेटा है। 1991 में उन्होंने राजनीति में कदम रखा था। तब भाजपा के टिकट पर ठाकुरद्वारा की अपनी पैतृक सीट से लड़े और विधायक बने।
2007 तक सर्वेश सिंह इस सीट पर विधायक रहे। 2007 में इस सीट पर बसपा के विजय यादव ने जीत दर्ज की थी। सर्वेश सिंह ने 2009 में लोकसभा चुनाव में भाजपा से मुरादाबाद लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन वह मोहम्मद अजहरुद्दीन से हार गए थे। उन्होंने 2012 में फिर से ठाकुरद्वारा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें मुरादाबाद लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया और उन्होंने समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार डॉ. एसटी हसन को 87,504 वोटों के अंतर से हराया था। 2019 में भाजपा ने उन्हें फिर से प्रत्याशी बनाया गया था लेकिन बसपा-सपा गठबंधन के प्रत्याशी डॉ. एसटी हसन से चुनाव हार गए थे।
2024 में चौथी बार भाजपा ने सर्वेश सिंह को मुरादाबाद लोकसभा चुनाव मैदान में उतारा था। एक दिन पहले 19 अप्रैल को ही मुरादाबाद में मतदान हुआ था। उन्होंने भी मतदान किया था। सर्वेश सिंह के बेटे सुशांत सिंह बढ़ापुर विधानसभा से भाजपा के विधायक हैं। सर्वेश सिंह 1991 से लेकर राजनीति में सक्रिय रहे।
ठाकुरद्वारा सीट पर सर्वेश सिंह के बाद नहीं जीत पाया कोई भाजपा प्रत्याशी
ठाकुरद्वारा विधानसभा सीट से भाजपा अंतिम बार 2012 में जीती थी। तब सर्वेश सिंह विधायक चुने गए थे। इसके बाद उन्होंने 2014 लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत गए। तब उन्हें विधायक पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद से ठाकुरद्वारा सीट पर उपचुनाव हुए लेकिन भाजपा के प्रत्याशी राजपाल सिंह चौहान चुनाव हार गए।
इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को हार मिली। 2022 में भाजपा ने इस सीट पर अजय प्रताप सिंह को मैदान में उतारा लेकिन वे भी जीत दर्ज नहीं कर पाए। सर्वेश सिंह के बाद यहां से भाजपा का कोई प्रत्याशी नहीं जीत पाया है।
योगी ने सर्वेश को मंचों से दिया था टाइगर का खिताब
सर्वेश की कद्दावर छवि को सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंच से भी लोगों के बीच जाहिर किया था। योगी ने मंडल में जब भी जनसभाएं कीं, सर्वेश को हमेशा टाइगर कहकर संबोधित किया। योगी ने 16 मार्च को मुरादाबाद में जनसभा की थी। इस मौके पर उन्होंने यहां गुरु जंभेश्वर राजकीय विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया था।
उस समय मंच पर सर्वेश सिंह भी मौजूद थे। सीएम ने भाषण के दौरान चुटकी लेते हुए कहा कि ये लगते तो बाघ जैसे हैं लेकिन जब भी मिलते थे तो मुरादाबाद में यूनिवर्सिटी की बात करते थे। मैंने कहा कि भाई आपको शिक्षा से क्या काम, तो इन्होंने कहा कि मुरादाबाद में विश्वविद्यालय होना चाहिए, यहां के लोगों की जरूरत है।
इससे पहले 2022 में विधानसभा चुनाव के समय ठाकुरद्वारा में सीएम योगी की जनसभा थी। वहां भी योगी ने सर्वेश को मंच से बब्बर शेर कहकर पुकारा था। हाल ही में 13 अप्रैल को सीएम ने मुरादाबाद लोकसभा क्षेत्र के बढ़ापुर में जनसभा की। योगी अपने भाषण की शुरुआत में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के नाम ले रहे थे। इसी बीच उन्होंने कहा कि मुरादाबाद लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी टाइगर कुंवर सर्वेश सिंह… यह शब्द सुनकर भीड़ ने शोर से समर्थन दिया था।
वहां सीएम ने मुरादाबाद में विश्वविद्यालय और बिजनौर में मडिकल कॉलेज का भी जिक्र किया। इसके बाद बोले थे कि टाइगर के क्षेत्र में आएंगे तो टाइगर जैसा कार्य भी करेंगे। हम अमानगढ़ में भी ईको टूरिज्म का विश्व स्तरीय सेंटर भी बनने जा रहे हैं
शमीम बानो
संपादक – सच्चाई की किरण (पाक्षिक समाचार पत्र)
पता – काशीपुर